
गुजरात के बड़ौदा शहर में एक महिला ने गुरुवार को सड़क पर धरना दे डाला। कारण? गोलगप्पे स्कैम 2025।
महिला का आरोप है कि उसने 20 रुपए में 6 गोलगप्पों का वादा सुना था, लेकिन दुकानदार ने सिर्फ 4 गोलगप्पे पर ही ‘थैंक यू’ बोल दिया। “ये तो खुला धोखा है! – धरना देती महिला ने कहा।
मामला कुछ यूं है…
महिला ने दिए थे पूरे 20 रुपये, कैश, पेटीएम नहीं। दुकानदार ने दिए सिर्फ 4 गोलगप्पे। 5वें पर बोला – खत्म हो गया…” बस फिर क्या था… महिला का गोलगप्पा गुस्सा फूटा और सड़क पर धरना दे डाला।
पुलिस आई, गोलगप्पा वाला फंसा!
मौके पर पहुंची पुलिस भी पहले तो सिचुएशन समझने में चकरा गई। “मैडम, FIR में offence क्या लिखें? गोलगप्पा under-delivery ?”
महिला का दर्द:
महिला ने कहा, चार ही खिलाए – ये था भावनात्मक अत्याचार?”

“गोलगप्पे अब स्वाद नहीं, संवेदना हैं!”
यह मामला हंसी का ज़रूर है, लेकिन हमें याद दिलाता है कि भारत में सिर्फ राजनीति नहीं, चाट में भी इमोशन है। गोलगप्पे सिर्फ स्ट्रीट फूड नहीं, दिल का connection हैं। “गोलगप्पे कम देना अब मज़ाक नहीं, ये है देश की Food Security का उल्लंघन!”
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